शाबर मंत्र
मंत्र तीन प्रकार के होते हैं – वैदिक, पौराणिक और तांत्रिक।
Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant)
विद्वानों की धारणा है कि कलियुग में तांत्रिक मंत्र सफल होते हैं, कलियुग के लिये तांत्रिक मंत्र ही शक्तिशाली हैं। तांत्रिक मंत्र भी तीन प्रकार के होते हैं – शाबर मंत्र, Shabar mantra डामर मंत्र और बीजाक्षर मंत्र। इन तीनों प्रकार के तांत्रिक मंत्रों का अपना-अपना विज्ञान है। जो लोग उसके वैज्ञानिक रहस्य को समझते हैं, वे ही मंत्रों का प्रयोग कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
शास्त्रों में हमें स्थान-स्थान पर शाबर मंत्रों के विषय में वर्णन मिलता है। यह एक प्रकार के तांत्रिक उपाय ही होते हैं, इस प्रकार की साधना करना थोड़ा जटिल कार्य होता है, परन्तु यदि सही ढंग से इन्हें सिद्ध कर लिया जाये तो लाभ भी अवश्य ही मिलता है। यहाँ मैं आपको कुछ शाबर मंत्रों के बारे में बताने जा रहा हूँ :-
1. दरिद्रता दूर करने के लिये धनदा मंत्र:- गरीबी और अभावों से मुक्ति के लिये धनदा मंत्र अत्यंत प्रभावकारी है।
मंत्र:- ॐ नमः विष्णवे सुरपतये महाबलाय स्वाहा।।
2. पदोन्नति के लिये भद्रकाली मंत्रः- भद्रकाली यंत्र को महाकाली यंत्र भी कहा जाता है। इसे स्वर्ण पर अंकित करायें। पैंतालिस दिनों तक प्रति दिन एक हजार बार मंत्र का जाप करें।
त्रयाणां देवानां त्रिगुण जनितानां तव शिवं मवेत् पूजा, पूजा तव चरणयोर्या विराचेता। महानिशा में शाबर मंत्रों की साधना- शाबर मंत्र किसी वेद, शास्त्र पुराण या अन्य ग्रन्थ में एक जगह संकलित नहीं मिलता। ये मंत्र लोक भाषा में प्रचलित हैं तो अपने से स्वयं सिद्ध हैं। यह तो साधक पर निर्भर करता है, कि वह मंत्रों का कब और कैसे प्रयोग करें।
3. रक्षा कवच मंत्र:- साधक हो या सामान्य व्यक्ति हर किसी को सर्वप्रथम अपनी रक्षा करनी चाहिये। हो सकता है आपके ऊपर ही कोई दूसरा तांत्रिक प्रयोग कर दे तो आप दूसरों की रक्षा करने से पहले ही स्वयं कष्ट में पड़ जायेंगे। ऐसी स्थिति में सर्वप्रथम अपनी रक्षा और बचाव करना चाहिये :-
मंत्र:- ॐ नमो आदेश गुरून को ईश्वरी वाचा, अजरी बजरी बाड़ा बजरी मैं बांधा दसो दुवार छवा और के घालो तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे पहली चैकी गनपती, दूजी चैकी हनुमंत, तीजो चैकी से भैरों चैथी, देह रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देवजी, शब्द सांचा पिंड सांचा चले मंत्र ईश्वरी वाचा।।
उक्त मंत्र शारीरिक पीड़ा से छटपटाते व्यक्ति पर भी प्रयोग किया जा सकता है। यदि किसी को भी मूर्छा आ जाये और कष्ट से घिर जाये तो इस मंत्र से झाड़ देने से वह व्यक्ति अच्छा हो जाता है, और शीघ्र स्वस्थ प्रसन्न जो जाता है। उक्त शाबर मंत्र Shabar mantra का प्रयोग किसी उपद्रव ग्रासित घर को शुद्ध करने में भी किया जाता है।
4. शत्रु एवं प्रतिद्वंदी को परास्त करने के लिये:- यह मंत्र अपने शत्रु या प्रतिद्वंदी को परास्त करने के लिये प्रयोग में लाया जाता है। महानिशा में इसे 108 बार पढ़कर हवन करके सिद्ध कर लिया जाता है। फिर जब चाहें अपने लिये प्रयोग करें। दूसरों के लिये इसका प्रयोग गंडा या ताबीज के रूप में किया जाता है –
मंत्र:- हाथ बसे हनुमान भैरों बसे लिलार, जो हनुमंत को टीका करे मोरे जग संसार। जो आवे छाती पांव धरे बजरंग बीर रक्षा करें, महम्मदा वीर छाती टोर जुगुनियाँ, बीर शिर फोर उगुनिया बीर मार-मार भास्वत करे भैरों बीर की आन फिरती रहे बजरंग बीर रक्षा करे, जो हमरे ऊपर घाव छाले तो पलट हनुमान बीर उसी को मारे जल बाँधे थल बाँधे आर्या आसमान बाँधे कुदवा और कलवा बांधे चक चक्की आसमान बाँधे वाचा साहिब साहिब के पूत धर्म के नाती आसरा तुम्हारा है।
5. सुख पूर्वक प्रसव का मंत्र:– इस मंत्र को 108 बार हवन करके सिद्ध कर लेने पर जब प्रयोग करना हो तब 11 बार पढ़कर जल अभिमंत्रित करके गार्भिणी को पिला दें। तुरंत सुख पूर्ण प्रसव हो जायेगा।
मंत्र:- ॐ मुक्ताः पाशा विमुक्ताः मुक्ताः सुर्येणरश्मयः। मुक्ताः सर्वभयापूर्व ऐहि माचिर-माचिर स्वाहा।।
6. चिंतित कार्य की सफलता के लिये:- जब किसी कार्य के होने न होने की चिंता बनी हो अथवा शत्रु भय या राज भय हो अथवा कोई कामना जो पूर्ण न हो रही हो तो निम्न मंत्र की एक माला नित्य जप लें। कुछ दिनों में ही चिंता समाप्त हो जायेगी और मंत्र सिद्ध हो जायेगा।
मंत्र:- ॐ हर त्रिपुर भवानी बाला, राजा प्रजा मोहिनी सर्व शत्रु। विध्यवासिनी मम चिंतित फलं, देहि-देहि भुवनेश्वरी स्वाहा।।
7. रोग हरण के लिये:- निम्न मंत्र की 21 माला महानिशा (काली रात) में जपकर सिद्ध कर लें। फिर जब कोई बीमार हो तब किसी बर्तन में शुद्ध जल लेकर इसे 21 बार पढ़कर जल को फूँककर मंत्रित करके रोगी को पिला दें। रोगी पहले से, ठीक होने लगेगा। रोग एवं रोगी की स्थिति के अनुसार इस तरह का अभिमंत्रित जल 3, 5, 7, 11, 21 दिन तक देना चाहिये।
मंत्र:- ॐ सं सां सिं सीं सुं सूं सें सैं सों सौं सं सः वं वां विं वीं वुं वूं वें वैं वों वौं वं वः सह अमृत वरचे स्वाहा।
शाबर मंत्र की विश्वश्नीयता पर कभी भी शक नहीं किया जा सकता है। परन्तु इनकी सिद्ध के लिये साधना का ढंग एकदम सही व सटीक होना चाहिये।
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