Author: Dr. R. B. Dhawan (Guruji)
रोग निवारण मंत्र
अग्नि पुराण से :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) अग्निदेव कहते हैं- वसिष्ठ! अब मैं ग्रहों के उपहार और मंत्र आदि का वर्णन करूंगा, जो ग्रहों को शान्त करने वाले हैं। हर्ष, इच्छा, भय और शोकादि से, जो ग्रहों को शान्त करने वाले हैं। हर्ष, इच्छा, भय और शोकादि से, प्रकृति के…
Read Moreप्रेम विवाह
पूर्वजन्म के शुभ कर्माे के अनुसार ही वर्तमान जीवन में जीवन-साथी की प्राप्ति होती है :- Dr. R. B. Dhawan (Astrological Consultant) भारतीय संस्कृति में विवाह को एक परम पुनीत संस्कार माना जाता है। युवावस्था में प्रवेश करते ही प्रत्येक युवक-युवती स्वप्निल संसार में खोया रहता है, लेकिन कहते हैं…
Read Moreसंजीवनी मंत्र
महामृत्युंजय व गायत्री मंत्र से मृत संजीवनी मंत्र का निर्माण किया गया था। इस मंत्र को संजीवनी विद्या के नाम से जाना जाता है :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) वेदों में महामृत्युंजय तथा गायत्री मंत्र की बड़ी महिमा बताई गई है, इसी लिए विद्वानों द्वारा कहा जाता है कि इन में…
Read Moreचक्षुषोपनिषद् , Chaksusopnisad
चक्षुषोपनिषद् को ही चाक्षुषी विद्या या नेत्र रोगों का निवारण करने वाली विद्या कहते हैं :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) ‘चाक्षुषी विद्या’ चक्षुषोपनिषद् ,Chaksusopnisad में उल्लेखित विद्या है, यद विद्या जटिल से जटिल नेत्ररोग का हरण करने वाली, पाठ मात्र से सिद्ध होने वाली विद्या है। जिससे समस्त नेत्ररोगों का सम्पूर्णत:…
Read Moreमांगलिक
यदि जन्म कुंडली में मंगल लग्न (प्रथम भाव) चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या बारहवें भाव में हो तो कुंडली मंगलिक अर्थात मंगल दोष युक्त हो जाती है :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) मंगल से प्रायः सभी भयभीत रहते हैं। विशेषकर बालिका/बालक की कुंडली यदि मंगलीक हुई तो माता-पिता की चिंता बढ़ जाती…
Read Moreमंगली
मंगली योग का प्रभाव क्या है? :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) भारतीय जीवनशैली में गृहस्थ आश्रम का विशेष महत्व है। गृहस्थ जीवन की शुरुआत पाणिग्रहण संस्कार से आरंभ होती हैं। प्रणय-सूत्र में बंधना सुखदायी होगा या दुःखदायी, यह दोनों के ग्रहों पर निर्भर करेगा जो कि एक-दूसरे पर प्रभाव डालते हैं।…
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