• 21 November 2024

रोग निवारण मंत्र

अग्नि पुराण से :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) अग्निदेव कहते हैं- वसिष्ठ! अब मैं ग्रहों के उपहार और मंत्र आदि का वर्णन करूंगा, जो ग्रहों को शान्त करने वाले हैं। हर्ष, इच्छा, भय और शोकादि से, जो ग्रहों को शान्त करने वाले हैं। हर्ष, इच्छा, भय और शोकादि से, प्रकृति के…

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प्रेम विवाह

पूर्वजन्म के शुभ कर्माे के अनुसार ही वर्तमान जीवन में जीवन-साथी की प्राप्ति होती है :- Dr. R. B. Dhawan (Astrological Consultant) भारतीय संस्कृति में विवाह को एक परम पुनीत संस्कार माना जाता है। युवावस्था में प्रवेश करते ही प्रत्येक युवक-युवती स्वप्निल संसार में खोया रहता है, लेकिन कहते हैं…

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संजीवनी मंत्र

महामृत्युंजय व गायत्री मंत्र से मृत संजीवनी मंत्र का निर्माण किया गया था। इस मंत्र को संजीवनी विद्या के नाम से जाना जाता है :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) वेदों में महामृत्युंजय तथा गायत्री मंत्र की बड़ी महिमा बताई गई है, इसी लिए विद्वानों द्वारा कहा जाता है कि इन में…

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चक्षुषोपनिषद् , Chaksusopnisad

चक्षुषोपनिषद् को ही चाक्षुषी विद्या या नेत्र रोगों का निवारण करने वाली विद्या कहते हैं :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) ‘चाक्षुषी विद्या’ चक्षुषोपनिषद् ,Chaksusopnisad में उल्लेखित विद्या है, यद विद्या जटिल से जटिल नेत्ररोग का हरण करने वाली, पाठ मात्र से सिद्ध होने वाली विद्या है। जिससे समस्त नेत्ररोगों का सम्पूर्णत:…

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मांगलिक

यदि जन्म कुंडली में मंगल लग्न (प्रथम भाव) चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या बारहवें भाव में हो तो कुंडली मंगलिक अर्थात मंगल दोष युक्त हो जाती है :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) मंगल से प्रायः सभी भयभीत रहते हैं। विशेषकर बालिका/बालक की कुंडली यदि मंगलीक हुई तो माता-पिता की चिंता बढ़ जाती…

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मंगली

मंगली योग का प्रभाव क्या है? :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) भारतीय जीवनशैली में गृहस्थ आश्रम का विशेष महत्व है। गृहस्थ जीवन की शुरुआत पाणिग्रहण संस्कार से आरंभ होती हैं। प्रणय-सूत्र में बंधना सुखदायी होगा या दुःखदायी, यह दोनों के ग्रहों पर निर्भर करेगा जो कि एक-दूसरे पर प्रभाव डालते हैं।…

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