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जीवनोपयोगी सूत्र
स्कन्द पुराण में कहा गया है कि चित्त के भीतर यदि दोष है तो वह तीर्थ-स्नान से भी शुद्ध नहीं होता है :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) सत्यानुसारिणी लक्ष्मीः कीर्तिस्त्यागानुसारिणी। अभ्याससारिणी विद्या बुद्धिः कर्मानुसारिणी॥ भावार्थ- लक्ष्मी सत्य का अनुसरण करती हैं, कीर्ति त्याग का अनुसरण करती हैं, विद्या अभ्यास का अनुसरण…
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