• 4 December 2024

यज्ञ द्वारा रोग निवारण

यहां हम यज्ञ द्वारा रोग निवारण की ही चर्चा कर रहे हैं, जिसे वेदों में सवोपरि माना गया है :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) यज्ञ द्वारा रोग निवारण/नियंत्रण : आदियुग से अब तक रोगों को नियंत्रित रखने हेतु चिकित्सा प्रणाली का विकास हुआ है । चिकित्सा प्रणालियों के क्रमिक विकास में…

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मानसिक रोग

चिकित्सा ज्योतिष में मानसिक रोगों का अध्ययन :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) आज के इस लेख में हम मानसिक रोगों के अध्ययन की बात करेगें- मानसिक रोग होने के बहुत से कारण होते हैं, लेकिन इन कारणों का ज्योतिषीय आधार क्या है? इसकी चर्चा इस लेख के माध्यम से की जा…

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त्राटक

त्राटक साधना :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) मानवी कल्पनात्मक विचार शक्ति का अत्यधिक प्रवाह नेत्रों द्वारा ही होता है, जिस प्रकार कल्पनात्मक विचार शक्ति को सीमाबद्ध करने के लिए ध्यान योग की साध ना की जाती है, उसी प्रकार इस मानवी विद्युत प्रवाह को दिशा विशेष में प्रयुक्त करने के लिए…

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संतान योग

इस‌ लेख में जन्म कुंडली में संतान योग कैसे बनता है, यह अनेक उदाहरणों के साथ समझाया गया है:- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) जन्म कुंडली में संतान विचारने के लिए पंचम भाव का मुख्य स्थान होता है। पंचम भाव से संतान का विचार करना चाहिए। दूसरी संतान का विचार करना हो,…

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शरद पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा और स्वास्थ्यवर्धक खीर :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागिरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, को हिंदू चंद्र पक्ष अश्विन महीने (सितंबर-अक्टूबर) के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन के रूप में इसे कुमुड़ी (चांदनी) के रूप में भी जाना जाता है, जैसा कि इस…

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जीवनोपयोगी सूत्र

स्कन्द पुराण में कहा गया है कि चित्त के भीतर यदि दोष है तो वह तीर्थ-स्नान से भी शुद्ध नहीं होता है :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant) सत्यानुसारिणी लक्ष्मीः कीर्तिस्त्यागानुसारिणी। अभ्याससारिणी विद्या बुद्धिः कर्मानुसारिणी॥ भावार्थ- लक्ष्मी सत्य का अनुसरण करती हैं, कीर्ति त्याग का अनुसरण करती हैं, विद्या अभ्यास का अनुसरण…

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