Category: Astrology
Astrological Articles
रमल ज्योतिष
रमल ज्योतिष और राहु :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant), रमल (अरबी ज्योतिष) शास्त्र के मुताबिक संसार का हर व्यक्ति नौ ग्रहों सेे परचित है। एक व्यक्ति के दो भाग हैं। एक सिर तथा दूसरा हिस्सा धड़ है, सिर वाले भाग का नाम राहु है, और धड़ वाले भाग भाग का नाम…
Read Moreवक्री ग्रह
वक्री ग्रह कितने शुभ, कितने अशुभ :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant), हिन्दी ज्योतिष साहित्य में वक्री ग्रहों पर बहुत कम सामग्री उपलब्ध है। प्रायः देखा जाता है कि फलादेश के समय ग्रहों की वक्रता को अनदेखा कर दिया जाता है। वक्री ग्रहों के प्रति अज्ञानतावश कुछ लोगों में यह भ्रम व्याप्त…
Read Moreविवाह में विलम्ब
विवाह में विलम्ब क्यों:- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant), विवाह मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है। कहते हैं कि जोड़ीयां स्वर्ग में तय होती हैं। किसी जातक या जातिका को उसी जीवन साथी की प्राप्ति होती है जो पहले से निश्चित है। यदि पहले से ही निश्चित है तो उसके लिए…
Read Moreआज का ज्योतिष
पाश्चात ज्योतिष में सायन कुण्डली को मुख्य मानते हैं, और भारत में निरायन कुण्डली प्रचलित है :- Dr.R.B.Dhawan (Astrological Consultant), प्राचीन काल से हमारे ऋषि-महर्षि ज्योतिष शास्त्र पर नवीन शोध करते रहे हैं। आज भी यह शोधकार्य निरंतर चल रहा है, और युगों-युगों तक होता रहेगा। फलित ज्योतिष में कुण्डली…
Read Moreमंगली दोष का निरस्तीकरण
कैप्टन (डा.) लेखराज शर्मा एम. ए. पी. एच. डी. ज्योतिषाचार्य (स्वर्णपदक) शारदा ज्योतिष निकेतन, जोगिन्द्र नगर। 9816435961 संपादन : Dr.R.B.Dhawan वर कन्या के जन्मांगों में मंगली दोष का निरस्तीकरण :- सर्वप्रथम यह निश्चित करना भी ज्योतिष ज्ञान की एक प्रक्रिया है कि वर या कन्या के जन्मांग में कुज दोष…
Read Moreप्रेम विवाह
पूर्वजन्म के शुभ कर्माे के अनुसार ही वर्तमान जीवन में जीवन-साथी की प्राप्ति होती है :- Dr. R. B. Dhawan (Astrological Consultant) भारतीय संस्कृति में विवाह को एक परम पुनीत संस्कार माना जाता है। युवावस्था में प्रवेश करते ही प्रत्येक युवक-युवती स्वप्निल संसार में खोया रहता है, लेकिन कहते हैं…
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